Solar Careers: नई दिल्ली में इंडिया हैबिटेट सेंटर में ICSE (Indian Certificate of Secondary Education) द्वारा आयोजित जलवायु परिवर्तन और Solar Careers पर केंद्रित एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है, जिसमें नवीन व नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय पूर्व सचिव व भारत सरकार के नेशनल सोलर अलायंस के महानिदेशक उपेंद्र त्रिपाठी ने एक बेहद प्रासंगिक और विचारो से संबोधन दिया है। उन्होंने ग्रीन जॉब्स की सीमा पारकर अपने भाषण में नये अवसरों की बात कि, साथ ही बताया है कि आने वाले समय में सोलर एनर्जी ग्रीन जॉब्स के क्षेत्रों में केंद्रीय भूमिका निभाएंगी।
क्या हर छात्र सोलर घड़ी (Solar Watches) पहने ये शिक्षा की असली पहचान है?
महानिदेशक उपेंद्र त्रिपाठी जी ने अपने संबोधन की शुरुआत एक रोचक सवाल किया है, सभागार में मौजूद लोगों से पूछा की आप में से कौन सोलर घड़ी पहनता है? हालाँकि इस सवाल के साथ उन्होंने छात्रों को बताया की जो छात्र सोलर घड़ी पहनता है, उसे वो 1000 रूपये इनाम देने की बात कहीं। यह मौजूद सभी छात्रों में से एक छात्र ने इस बात को समझकर हाथ उठा लिया, तो उसे विजेता घोषित कर दिया है। सतह उन्होंने बताया कि सोलर घड़ी पहनना केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जागरूकता दर्शाना ही नहीं है, जबकि एक छोटा लेकिन एक प्रभावी फैसला भी है, ग्रीन टेक्नोलॉजी अपनाने को भी दर्शाता है।
सोलर एनर्जी में Solar Careers (Green Jobs) का भविष्य क्या है?
त्रिपाठी जी ने बताया है की ग्रीन जॉब्स सबसे तेजी से बढ़ता सोलर एनर्जी का क्षेत्र है। भारत जैसे देशों में जहां वर्ष में 300 दिन सूरज उगता है। वहां पर सोलर ऊर्जा न केवल बिजली का वैकल्पिक स्रोत है, जबकि लाखों युवाओं के लिए एक रोजगार का अवसर भी है। जैसे सोलर इंस्टॉलेशन से लेकर, मेंटेनेंस, सोलर उपकरणों की मेन्युफेक्चरिंग और माइक्रो-ग्रीड मैनेजमेंट के हर क्षेत्र में स्किल्ड युवाओं की जरूरत है। उन्होंने ये भी बताया है कि कॉलेज और तकनीकी संस्थानों को छात्रों को सोलर टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित करना चाहिए। ताकि वो नौकरी के भरोसे नहीं रहे, खुद का रोजगार भी तैयार कर सकते है।
तकनीकी और शिक्षा को साथ कैसे लाये?
उन्होंने ये भी बताया है कि भविष्य में तकनीकी और शिक्षा का सबसे अधिक निकट संबंध होगा। जब दिमाग और डिवाइस एक दूसरे से सीधे जुड़ने लगे, तब पारम्परिक शिक्षा प्रणाली को खुद नए सिरे से गढ़ना है। उन्होंने कहा है की जब बच्चा मोबाइल से तेजी से गणना कर सकता है, तो ये कहना गलत है की उसे गणित नहीं आती है, ये शिक्षा की असल चुनौती होगी।
चार प्रमुख संदेश क्या दिये?
इस CISE द्वारा आयोजित सम्मेलन में त्रिपाठी ने अंत में कुछ जरूरी बाते बताई, जो निम्न है –
- जो कुछ भी आज तक सीखा है, उसका उपयोग करें, ये शिक्षा का असली सम्मान होगा।
- सभी से बात करना जरूरी है और हमेशा शिक्षक, पाठ्यक्रम और समाज के बीच बातचीत करते रहना जरूरी है।
- लैंगिंक न्याय करना जरूरी है और महिलाओं की भागीदारी के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता है।
- शिक्षकों स्वयं को तकनीकी रूप से परिपूर्ण करना होगा, जिससे तकनीकी और शिक्षा में तालमेल सही हो सकें।
Solar Careers की भारत में आवश्यकता
आज के समय भारत में ग्रीन जॉब्स (Green Jobs) को आगे बढ़ाने में कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहा है, इस समस्याओं में जैसे वित्तीय संसाधनों की कमी, नीतिगत ढाँचे की कमी, कौशल मेल नहीं और तकनीकी बुनियादी ढाँचे की कमी है। भारत में इन सभी बाधाओं को दूर करके की ही हरित नौकरियों को बड़े जा सकता है जिससे आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष
Solar Careers सबसे तेजी से बढ़ता सोलर एनर्जी क्षेत्र है। सोलर घड़ी पहनना केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जागरूकता दर्शाना ही नहीं है, जबकि एक छोटा लेकिन एक प्रभावी फैसला भी है। इससे भारत में लाखों युवाओं को रोजगार अवसर भी मिलेगा।


