Pushpam Priya Chaudhary Education: बिहार के पिछले विधानसभा चुनाव में एक नाम बहुत प्रसिद्ध हुआ था जिसका नाम पुष्पम प्रिया चौधरी। इन्होंने बिहार के मुख्य हिंदी और इंग्लिश अखबारों के पहले पेज पर खुद को मुख्यमंत्री पद चेहरा घोषित होने की सूचना दी थी।
इस लेख में हम आपको ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने बिहार और बिहार की राजनीति में इनका नाम पिछले कुछ सालों से चर्चा का विषय बना हुआ है। यह बिहार की पुष्पम प्रिया चौधरी जो आज के समय किसी पहचान की मोहताज नहीं है। यह अपनी राजनीति में दिलचस्पी और पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानी जाती है। इन्होंने कई बार बिहार और बिहार की राजनीति के बारे में अपने खुले विचार रखे है। लेकिन क्या आप जानते है कि पुष्पम प्रिया चौधरी कितनी पढ़ी-लिखी है?
यह आज के समय के अनुसार अपनी आधुनिक सोच और अंतर्राष्ट्रीय विजन रखती है। इन्होंने अपनी पूरी उच्च शिक्षा विदेश में जाकर पूरी की है, इसी कारण इनकी राजनीतिक सोच पर वैश्विक प्रभाव साफ-साफ दिखाई देता है।
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Pushpam Priya Chaudhary Education: प्रारंभिक शिक्षा बिहार से फिर बाकी पढ़ाई विदेश में
पुष्पम प्रिया चौधरी की शुरुआती पढ़ाई देश के दूसरे राज्यों या विदेश में नहीं हुई। इसकी 12th तक की पढ़ाई बिहार में हुई है। साथ ही इन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई SYMBIOSIS INTERNATIONAL UNIVERSITY से कम्पलीट की है। इसके बाद इन्होंने विदेश में जाकर पढ़ाई करने का रुख किया।
आगे की पढ़ाई पुष्पम प्रिया लंदन के लिए निकल गई। विदेश में जाकर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पॉलिटिक्स जैसे विषयों की डिग्री प्राप्त की। यह डिग्री उन्होंने यूनाइटेड किंगडम की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से प्राप्त की जिसका नाम लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) और यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की है। साथ ही उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और पॉलिटिक्स की पढ़ाई LSE (London School of Economics and Political Science) से की है।

Pushpam Priya Chaudhary Education: लंदन से की पढ़ाई, जानें कौन-कौन सी डिग्री हासिल की (Photo: Facebook)
खुद को बताया था मुख्यमंत्री पद का दावेदार
पुष्पम प्रिया चौधरी की सोच में वैश्विक प्रभाव साफ दिखाई देता है। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले ही खुद को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया था। यह दावेदारी उन्होंने मुख्य हिंदी और इंग्लिश अखबारों के पहले पेज पर सूचना देकर मीडिया की नजरो में आई थी। साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी के नाम ‘प्लूरल्स’ रखा था। इनकी पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। हालाँकि इस बार फिर से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।
अपने पहले चुनाव में उन्होंने बिहार की दो विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और अपनी किस्मत आजमाई थी। ये सीटें पटना की बांकीपुर और मधुबनी की बिस्फी थी जहॉ पर लोकल स्थानीय समाचार पत्रों स्वयं को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया था। हालाँकि पुष्पम प्रिया इन दोनों सीटों पर पीछे रहने के साथ हार का मुँह देखना पड़ा। चुनावी परिणाम के बाद ट्वीट के माध्यम इन्होंने कहा कि बिहार में EVM को हैक किया गया है और बीजेपी ने प्लूरल्स पार्टी के वोट को अपने पक्ष में कर लिया।
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बिहार की राजनीति में आने का ख्याल
बिहार की राजनीति में आने फैसला एक गंभीर बीमारी जुड़ा है। साल 2018 और 2019 में बिहार में एक एन्सेफलाइटिस बुखार फ़ैल गई थी इस बीमारी के कारण बिहार में सैकड़ो बच्चों की मौत हुई थी। इस विपदा से यह अंतर आत्मा से दुखी हो गई थी। इसी समय पुष्पम प्रिया चौधरी विकसित लोकतंत्रों के लिए बॉस्टन कन्सल्टिंग ग्रुप और एलएसई की पब्लिक-पॉलिसी के एक प्रॉजेक्ट पर कार्य कर रही थी। इसी दौरान उन्होंने समझा कि खुद के राज्य की समस्याएँ जानते हुए भी दूसरे विकसित देशों के लिए नीति बनाने का कार्य नैतिक रूप से सही नहीं है। इसी कारण वो बिहार की राजनीति में प्रवेश करती है।


