
शिक्षा मंत्रालय के सर्वेक्षण से पता चला है केवल कक्षा छह के सिर्फ 53 फीसदी छात्र ही जानते हैं 10 तक का पहाड़ा जानते हैं जबकि कक्षा तीन के केवल 55 प्रतिशत छात्र 99 तक की संख्याओं को आरोही या अवरोही क्रम में व्यवस्थित करना जानते है।
भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन समीक्षा और विश्लेषण (परख) पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया गया था। जिसे पहले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के रूप में जाना जाता था। यह सर्वेक्षण पिछले साल दिसंबर में 21,15,022 विद्यार्थियों पर किया गया था। इस दौरान देश के 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया था जिनमें 781 जिलों के 74,229 सरकारी और निजी स्कूलों को शामिल किया गया था।
यह सर्वे अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थियों पर किया गया था। कक्षा तीसरी, छठी और नौवीं के विद्यार्थियों के सर्वे में 21,15,022 बच्चों को शामिल किया गया और साथ में 2,70,424 शिक्षकों ने प्रश्नों के जवाब दिए। सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार कक्षा तीन के 55 फीसदी विद्यार्थी ही 99 तक के अंकों को घटते और बढ़ते क्रम में लिख सकते हैं। जबकि 58 फीसदी दो अंकों के जोड़ और घटाव का हल करने लायक हैं। वहीं कक्षा 6 के सिर्फ 53 फीसदी बच्चे ही अंकगणित की कार्य को समझने के साथ-साथ जोड़ व गुणा को समझ सकते हैं। कक्ष 6 में ही भाषा और गणित के अलावा द वर्ल्ड अराउंड अस् को शामिल किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय के सर्वेक्षण में सबसे कम अंक गणित में, सिर्फ 46 फीसदी मिले
सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार विद्यार्थियों को सबसे कम अंक गणित में मिले जो 46 फीसदी, जबकि भाषा में 57 फीसदी और वर्ल्ड अराउंड अस में 49 फ़ीसदी अंक मिले। रिपोर्ट में शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार जिन छात्रों के 50 फीसदी से कम जवाब दिए हैं, उनके सीखने की क्षमता में अंतर बहुत ज्यादा है।

शिक्षा मंत्रालय के सर्वेक्षण कक्षा छह के सिर्फ 53 फीसदी छात्र ही जानते हैं 10 तक का पहाड़ा, गणित में पिछड़ रहे सरकारी-निजी स्कूलों के बच्चे, शिक्षा में सुधार की ज़रूरत
केवी के कक्षा 9 के छात्रों का अच्छा प्रदर्शन
सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 9 के केंद्रीय विद्यालयों के विद्यार्थियों का सभी विषयों में अच्छा प्रदर्शन रहा है खासकर भाषा में यह सबसे आगे रहे है। वही कक्षा 6 के विद्यार्थियों के मामले में सरकारी सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों में गणित विषय में सबसे खराब प्रदर्शन देखने को मिले, वहीं निजी स्कूलों की विद्यार्थियों ने विज्ञान और समाज विज्ञान में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन गणित विषय में इनका प्रदर्शन प्रतिशत बहुत कमजोर रहा। कक्षा 3 के मामले में केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों ने गणित में सबसे खराब प्रदर्शन किया।
कैसे रहे सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के नतीजे
सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के नतीजे एक जैसे रहे इनका प्रदर्शन खराब देखने को मिला। जबकि भाषा के मामले में सभी स्कूलों को प्रदर्शन अच्छा रहा। इस सर्वेक्षण में ग्रामीण और शहरी स्कूलों के नतीजे पर गौर किया गया है इसके अंदर ग्रामीण इलाकों के कक्षा तीन के विद्यार्थियों ने गणित और भाषा में अच्छा प्रदर्शन किया जबकि शहरी क्षेत्र में कक्षा 6 और 9 के विद्यार्थियों ने ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों को सभी विषय में पीछे कर दिया।
स्कूल शिक्षा सचिव मास्टर संजय कुमार का कहना है कि अब यह सिर्फ एक मूल्यांकन ही नहीं था बल्कि इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के नतीजों को जरुरी कदमों में बदलने की एक बड़ी और कई स्तरों वाली योजना तैयार की गई है।
निष्कर्ष
शिक्षा मंत्रालय के सर्वेक्षण में शहरी और ग्रामीण विद्यार्थियों के पढ़ाई में स्पेशल गणित विषय के अंदर बहुत फर्क पाया गया है जबकि इनका भाषा ज्ञान अच्छा है। इस क्षेत्र रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर शिक्षा के सुधार में जरूरत है। शिक्षा के क्षेत्र में जितना अच्छा सुधार होगा, भारत देश उतना ही ज्यादा विकसित होगा।