
Mukhyamantri Higher Education Scholarship 2025: राजस्थान सरकार ने ग़रीब और मेधावी छात्रों के लिए ‘मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना शुरू’ की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह यकीन दिलाना है, कि कोई भी मेधावी छात्र आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े। सरकार यह चाहती है कि, आर्थिक तंगी के कारण कोई भी छात्र अपनी पढ़ाई न छोड़े, इसलिए यह योजना निकाली गई है। शिक्षा हर बचे का अधिकार है, पैसो की कमी की वजह से जो पढ़ाई वाले बच्चे होते है, उनकी भी पढ़ाई छूट जाती है। इस वजह से सरकार चाहती है कि जो प्रतिभाशाली बच्चे है, जो अपनी मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ना चाहते है, उनके लिए ये अच्छा मौका है।
इस मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जो राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर से 12वीं कक्षा पास की है। राजस्थान बोर्ड द्वारा जारी की लिस्ट में पहले एक लाख छात्रों में शमिल है और इसके साथ ही उनके परिवार की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसलिए सरकार चाहती है कि इस योजना का लाभ जरूरतमंद लोगो तक पहुंचे। इसके साथ ही सरकार की और भी शर्ते है कि, आवेदक छात्र किसी अन्य छात्रवृति योजना का फायदा नहीं ले रहा हो और उसके बैंक अकाउंट से आधार लिंक होना चाहिए। यह योजना और शर्ते उन छत्रो तक पहुंचे जिनको इनकी जरूरत है, जो सही लाभार्थी हो।
इस योजना से आर्थिक सहायता
इस योजना के अनुसार पात्र छात्रों को प्रति महीने 500 रूपये (वार्षिक 5,000 रूपये) तक छात्रवृति सरकार उनके बैंक खाते में डालेगी। ये पैसे सीधे छात्रों की अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के खर्चे में काम आएंगे। जो दिव्यांग छात्र है, उनके लिए सरकार ने अलग प्रावधान निकाले है, जिसमें उनको ये राशि प्रति महीने 1,000 रूपये (वार्षिक 10,000 रूपये) तक उनके बैंक खाते में सरकार डालेगी। साथ ही उनकी विशेष जरूरतों को ध्यान में रखकर ये राशि 5 साल तक दी जाएगी।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना में आवेदन प्रक्रिया कैसे करे
आवेदन करने के लिए छात्रों को राजस्थान सरकार के SSO पोर्टल में ऑनलाइन आवेदन करना है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से आसान और डिजिटल है, इसके साथ जन आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, 12वीं की मार्कशीट और बैंक खता बुक जैसे जरूरी दस्तावेज अपलोड करना आवश्यक है। इस आवेदन प्रक्रिया में किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लगेगा, जिससे गरीब छात्रों में बोझ नहीं पड़ना चाहिए।
पारदर्शी भुगतान कैसे होगा?
जब आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सत्यापन किया जाता है, तो सत्यापन होने के बाद में छात्रवृति राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डाल दी जाती है। इससे पैसे सीधे सही व्यक्ति के तक पहुंच जाते है। इस प्रक्रिया से कोई ठगी भी नहीं होती और धोखाधड़ी से बचते है, जिससे यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहती है।
इसके विशेष प्रावधान क्या है
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना में यह प्रावधान है कि, यदि कोई छात्र पढ़ाई को बीच में ही छोड़ देता है, तो उसकी उस साल की छात्रवृति रोक दी जाती है। यह छात्रों को पढ़ाई के लिए गंभीर रूप से प्रेरित करती है। यदि छात्र 5 वर्ष की अवधि पूरी नहीं हुई तो, अगली बार आवेदन करके इस योजना का फिर इसका लाभ उठा सकते है। इस प्रावधान में आपात स्थिति में पढ़ाई छोड़ने के बाद भी, इसका फायदा ले सकते है।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार ने ग़रीब और मेधावी छात्रों के लिए ‘मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना’ शुरू की है। इस योजना से गरीब और मेधावी छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा। उनकी उच्च शिक्षा करने में उनके खर्चे में काम आएंगे। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी छात्रों को प्रति माह 500 रूपये तक दिए जायेगी और जो दिव्यांग है, उन छात्रों को प्रति माह 1,000 रूपये तक की राशि उनके बैंक खाते में डाल दी जायेगी। सरकार ये मानती है कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है। इस योजना उन छात्रों को बहुत लाभ है, जो मेहनत करके आगे बढ़ना चाहते है।