
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने WhatsApp को साथ दूसरे विदेशी ऐप्स छोड़ा था और ‘Made In India’ का SAMBHAV Mobile System इस्तेमाल किया। इस भारत में निर्मित ऐप्स के माध्यम से भारतीय सेना को डिजिटल सुरक्षा देकर हाई-टेक मोबाइल इकोसिस्टम दिया। विस्तार से जानते है SAMBHAV Mobile System के बारे में।
SAMBHAV Mobile System: हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिन्दूर में पहली बार अपने देश का सुरक्षित मोबाइल इकोसिस्टम संभव (सिक्योर आर्मी मोबाइल भारत वर्जन ) का उपयोग किया है। इसके बारे में खुद थल सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया है कि सेना ने WhatsApp और इसके अलावा दूसरे विदेशी Apps है, उनको उपयोग में लेना बंद कर दिया है। अब पूरी तरह से ‘Made In India’ टेक्नोलॉजी पर विश्वास किया है। यह सिस्टम 5G पर टिका हुआ है। इसमें मल्टी-लेयर्ड एन्क्रिप्शन भी दी है, जिससे सेना की सीक्रेट बातचीत व जानकारी किसी को भी पता न चले।
SAMBHAV Mobile System के बारे में जनरल द्विवेदी ने क्या कहा?
थल सेना के प्रमुख जनरल द्विवेदी ने यह जानकारी AIAMIA की 52वी नेशनल मैनेजमेंट कन्वेशन में दी गई है, उन्होंने बताया की अब हम उपकरणों के लगातार विकास के लिए पूरी तरह से तैयार है। ऑपरेशन सिन्दूर में सम्भव मोबाइल का उपयोग किया है। इस ऑपरेशन में WhatsApp और जो सभी विदेशी Apps का उपयोग नहीं किया है। अब हम इसमें उच्च स्तर पर सुधार करेंगे।
जनरल द्विवेदी जी ने ऑपरेशन सिन्दूर को सैनिकों, कमांडरों, वैज्ञानिको और नीति-निर्माताओं का पूरी तरह संगम बताते हुए कहा है, कि यह पहले से तैयारी के साथ की गई कार्रवाई थी। सेना के प्रमुख ने यह भी बताया है, कि भविष्य में आगे जो युद्ध होंगे, उनमे पारंपरिक ताकत के साथ-साथ आधुनिक टेक्नोलॉजी का होना भी जरूरी होगी। सैनिकों के साथ-साथ रोबोट भी साथ में युद्ध करेंगे।
WhatsApp की तरह कौनसी सुविधाएं है संभव सिस्टम में
ऑपरेशन सिन्दूर में संभव सिस्टम का उपयोग किया था। इस संभव सिस्टम को पेश जनवरी 2024 में किया था। ये पूरी तरह से आत्मनिर्भर आधारित है। SAMBHAV Mobile System में एक M-Sigma App है, जो WhatsApp का भारतीय ऑप्शन है। इस M-Sigma App के जरिये अधिकारी सुरक्षित तरीके से बातचीत कर सकते है। इसके साथ ही फाइल, फोटो, वीडियो भी शेयर कर सकते है। सुरक्षा अधिकारी बताते है कि फ़ोन नेटवर्क पर हेंकिंग और जासूसी करने का खतरा होता है। लेकिन नया जो भारतीय टेक्नोलॉजी सिस्टम Network-agnostic है, अर्थात ये किसी भी नेटवर्क पर बिना खतरे के काम कर सकता है। इसलिए ये सिस्टम सेना के लिए बहुत आवश्यक है।
क्या फायदा हुआ भारतीय सेना और देश को इस परियोजना से?
भारत के बड़े कॉलेजों और विशेषज्ञों की सहायता से यह परियोजना बनाई है। यह परियोजना 5G वाले फ़ोन में ही चलती है। इसमें ऐसी सुरक्षा है कि आपके डेटा के एन्क्रिप्शन की सहायता से सुरक्षित रखता है। मिडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार बताया है कि चीन के साथ हुई सैन्य बैठकों में भी इसका उपयोग लिया गया था। अब तक सेना के अफसरों को करीब 30,000 फ़ोन डिवाइस दे दिए है। ऑपरेशन सिन्दूर के सेना ने ‘ऐतहासिक उत्तर कार्रवाई’ बताया गया है । इससे आतंकवाद से मुकाबला करने की योजना मजबूत हुई है। अब यह पता चलता है की भारतीय सेना टेक्नोलॉजी में बहुत आगे बढ़ रही है और डिजिटल सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनती जा रही है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिन्दूर में पहली बार देश ने खुद का सुरक्षित इकोसिस्टम SAMBHAV Mobile System का उपयोग किया है, जिसका अर्थ सिक्योर आर्मी मोबाइल भारत वर्जन है। इस सिस्टम में WhatsApp की तरह एक M-Sigma App है जिसमें बातचीत और वीडियो, फोटो, फाइल शेयर कर सकते है। इसमें भारतीय सेना कि सीक्रेट बातचीत और जानकारी लीक नहीं होती है और ये परियोजना 5G वाले फ़ोन में ही चलती है। इससे भारतीय सेना मजबूत हुई है।